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स्तनपान - मां व शिशु दोनों के लिए वरदान

Last updated: October 22, 20254 min read
Assistant Professor of Pediatrics

जन्म के तुरंत बाद शिशु को पहला स्तनपान कराएं
6 माह तक मां के दूध के अलावा कुछ नहीं दें - पानी भी नहीं
6 माह के बाद मां के दूध के साथ-साथ शिशु को ठोस आहार दें
मां का दूध कम से कम 2 साल तक दें

यह बातें तो हम पहले से ही जानते हैं लेकिन अब जानते हैं की क्यों मां व शिशु के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है और क्यों स्तनपान का कोई विकल्प नहीं है।

Breastfeeding benefits for baby and mother

जन्म के बाद देरी नहीं करें - शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलायें। मां का दूध बच्चे की आंतों में एक सुरक्षा परत बना लेता है जो इन्फेक्शन से बचाता है। सम्पूर्ण स्तनपान करने वाले बच्चों में आंतों के इन्फेक्शन व उल्टी-दस्त का खतरा 64% कम होता है।

शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ नहीं दें। नवजात शिशु की आंतों में कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता नहीं होती है। मां के दूध के अलावा और कुछ पिलाने से बच्चे की आंतों में इन्फेक्शन हो सकता है।

मां का दूध शिशु के लिए अमृत है। मां के दूध में कई ऐसे तत्व हैं जो शिशु की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और शिशु को जानलेवा बीमारियों से बचा कर उसे नया जीवन देते हैं।

मां का दूध बच्चे को निमोनिया से बचाता है। सम्पूर्ण स्तनपान करने वाले बच्चों में निमोनिया का खतरा 72% कम होता है। डिब्बे या जानवर का दूध पीने वाले बच्चों में निमोनिया का खतरा 4 गुना ज्यादा होता है।

मां का दूध बच्चे को कान नाक व गले के इन्फेक्शन से बचाता है। पूरी तरह मां का दूध पीने वाले बच्चों में कान नाक गले के इन्फेक्शन का खतरा 50% कम हो जाता है।

मां का दूध आज ही नहीं, बल्कि जीवन भर बच्चे को फायदा करता है।

  • बेहतर दिमागी विकास
  • भविष्य में अस्थमा, चर्म व आंतों की एलर्जी से बचाये
  • भविष्य में मोटापा व डायबिटीज होने का खतरा 30% कम
  • कैंसर से बचाये

जो बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं उनकी आंतें केवल मां का दूध ही पचा सकती हैं। इसके अलावा और कुछ देने पर उनकी आंतों में जानलेवा इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। डॉक्टर्स उन्हें केवल मां का दूध ही देते हैं। अगर किसी कारण से मां का दूध नहीं है तो भी ऐसे बच्चों को दूसरी माताओं द्वारा दान किया गया दूध ही दिया जाता है जिससे उनकी बीमारी सही हो सके। इसीलिए मिल्क बैंक्स बनाये जाते हैं जहां माताएं अपना अतिरिक्त दूध जरूरतमंद बीमार बच्चों के लिए दान कर सके।

स्तनपान कराना मां के लिए भी बहुत फायदेमंद है। प्रसव के तुरंत बाद स्तनपान शुरू करने से रक्तस्त्राव कम होता है और घाव जल्दी भरता है। 

स्तनपान कराने से शिशु का मां से गहरा लगाव बनता है। ऐसे बच्चे हमेशा खुश रहते हैं और मां के साथ खेलते रहते हैं। दूसरी तरफ डिब्बे या जानवर का दूध पीने वाले बच्चे चिढ़चिढ़े रहते हैं।

स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन कैंसर व अंडाशय कैंसर का खतरा कम होता है।

स्तनपान कराने वाली माताओं में डायबिटीज, जोड़ों का दर्द (गठिया), रक्तचाप व दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

स्तनपान के फायदे अनगिनत है और जैसे-जैसे रिसर्च होती जा रही है वैसे-वैसे रोज़ नए फायदे सामने आ रहे हैं। आईये अपने शिशु को स्तनपान कराने का संकल्प लें और जीवनपर्यन्त आरोग्यता का आशीष दें।

यह लेख आपको कैसा लगा? आपकी राय नीचे कमेंट करें। यदि आप स्तनपान के बारे में और कुछ जानना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करें या हमसे संपर्क करें

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